पानी का हो रहा है दुरुपयोग कौन है जिम्मेदार...? Water Wastage who's responsible...?
आपने मेरे पिछले आर्टिकल में भारतीय लोगों की सड़कों पर मानसिकता के बारे में पढ़ा होगा।
आज मैं इस आर्टिकल मैं उस कुदरती स्रोत के बारे में बात करूंगा जिसके बिना जीवन असंभव है। आज हम इस स्रोत की वैल्यू नहीं समझ पा रहे हैं पर कल हम इस से हाथ धो बैठे गे ऐसा आने वाले समय में हो रहा है। उस स्रोत का नाम है पानी। आप समझ ही गए होंगे कि मैं आज क्या कहने जा रहा हूं पर आप यह नहीं जानते के पानी कहांं-कहां दुरुपयोग हो रहा है और इसे रोकने के लिए हमें क्या-क्या करना पड़ेगा...?
हम सब अपने बच्चों को इतना प्यार करते हैं कि वह जरा सा भी बीमार हो जाएं तो हमारी जान पे बन जाती है और आप सोचिए कि उन्हीं बच्चों को कल पानी के लिए तरसना पड़ जाए तो फिर आप पर क्या बीतेगी क्या आप समझ रहे हैं कि मैं क्या करना चाहता हूं? हां बिल्कुल सही धरती में पानी का जो लेबल है वह बहुत नीचे जा रहा है और जो बड़े बोरवेल है आने वाले समय में वह भी धरती से पानी निकालने में असमर्थ हो जायेंगे।
आइए जानते हैं कि हम कहां-कहां पानी जाया करते हैं जो हमें कभी महसूस ही नहीं हुआ या हम महसूस नहीं करते?
मैं बात सुबह से करूंगा कि लोग पहले जंगल-पानी जाया करते थे और वह साथ में एक पानी का लोटा साथ लेकर जाते थे। और आज हम सुबह उठकर सीधा टॉयलेट में जाते हैं और यहां 10 से 20 लीटर की वॉटर टंकी भरी हुई होती है और वह पानी सीधा गटर में चला जाता है और हाथ अलग से वास वेशन में धो रहे हैं जो पानी सीधा नाले में या वह भी सीधा गटर में जाता है आप समझ गए होंगे कैसे पानी कितना वेस्ट होता है। दूसरी बात पहले हम दातून से दांत साफ करते करते थे और अब ब्रश करने का ट्रेंड आ चुका है और इससे पानी कितना वेस्ट हो रहा है। फिर हम मुंह धोते जा नहाते फिर नाश्ता करते हैं जिसमें पानी वाटर फिल्टर का पीते हैं एक गिलास पानी में वाटर फिल्टर चार गिलास वेस्ट करता है और आप सोचें आप सुबह में कम से कम घर का एक मेंबर लगभग 50 लीटर पानी जाया करता है और आप सोचे कि पूरे दिन में पानी कितना बर्बाद हो रहा है और कई घरों में तो नल भी लीक करें तो हम उसको ठीक कराने से कतराते हैं और आप सोचे कि हम स्कूटर कार मोटरसाइकिल धोते वक्त कितना पानी जाया करते हैं?
यह तो हमारे घरों की बात हो गई अब हम बात खेतों के बारे में करें तो यहां किसान ट्यूबल से खेतों को पानी लगाता है कई बार ऐसा होता है किसान ट्यूबल चला कर घर आ जाता है और पानी साथ वाले खेतों में जा के या खेत से बाहर निकलकर कहीं और बह जाता है। खेतीबाड़ी विभाग तो पानी की रोकथाम के लिए काफी उपराला कर रहा है और इसके लिए ऐक झोने की किसम पर रोकथाम लगा दी है पर खेतीबाड़ी विभाग को झोने की फसल पर ही रोक लगा देनी चाहिए।
आजकल लोगों ने स्विमिंग पूल में नहाना एक पेशा बना लिया है अपने हाई प्रोफाइल दिखाने के लिए लोग Swiming पूल में नहाने जाते हैं या अपने घरों के अंदर बड़े-बड़े स्विमिंग पूल बनाए हुए हैं आप सभी जानते हैं कि स्विमिंग पूल में कितना पानी जमा होता है और पानी बदलने वक्त वह सारा पानी नाली में जाता है।
क्या आप जानते हैं कि हम इस धरती स्रोत के साथ यह व्यवहार करें और कल हमारे बच्चों के साथ क्या होगा क्या हम जान के भी अंजान बने रहे हैं जा फिर जानबूझकर यह सभ कर रहे हैं? हम सभ पैसा तो कमाते हैं और कहते फिरते हैं कि यह पैसा हमारे बच्चों के काम आएगा पर क्या हमने यह कभी कहा है कि हमने पानी को कमाया है और यह पानी हम अपने बच्चों के लिए छोड़कर जाएंगे...? कभी नहीं और हां आप जे बात हमेशा याद रखें के आप अपने बच्चों और उनके आगे आने वाले बच्चों का सीधा गला घोट रहे हैं।
इंसान अपने स्वार्थ को लेकर इतना अंधा हो गया है कि वह दूसरे जीवो के बारे में भी सोचना भूल चुका है कि वह भी हम पर ही निर्भर हैं क्योंकि इंसान उनके मुंह से हर चीज छीन रहा है क्या पानी परबाकी जीवो का हक नहीं है...? जंगलों में सूखा पड़ने पर जीव मर जाते हैं यह सब धरती में पानी का स्तर नीचे जाने से ही ऐसा हो रहा है हमें सोचना चाहिए के सृष्टि को कैसे बचाया जाए इस और इस सोच को अमल में लाया जाना चाहिए और ऐसे प्रोजेक्ट लगाने चाहिए जो बारिश के पानी को भी धरती के अंदर भेजने मैं सहायता करें जिससे धरती के अंदर का पानी का लेवल ऊपर आना शुरू हो और धरती पे हरियाली और हम सब को साफ पानी पीने को मिले।
इस आर्टिकल के अंत में सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि पीने के लिए भी पानी उतना ही लें जितनी आपको जरूरत है कृपया पानी को बर्बाद मत करें क्योंकि पानी ही जीवन का अनमोल स्रोत है।
By Er. Pardeep Babloo