क्या यह महामारी धरती को बचा रही है....?

                     संन 2020 चल रहा है और शाअद ही इंसान इस साल को कभी भूल सके। पर इस से पहले भी ऐसी कई महामारी जैसी बीमारी ( फ्लू )आ चुकी हैं और कई तो तकरीबन ख़त्म हो चुकी हैं जैसे कि सवाइन फ्लू , एड्स , बर्ड फ्लू , चिकन गुनिआ , डेंगू जैसी कई महामारी जैसी बीमारी आ चुकी हैं। पर अब ऐसी बीमारी को देख कर मन में सवाल आने लगते हैं कि यह बीमारी कोई कुदरती आफत है जा फिर इंसान द्वारा ही बनाई गई जा जिसको इंसान के खात्मे के लिए बनाया गया है। बहुत से ऐसे सवाल मन में घर करते हैं। आज ऐसा ही एक मन का सवाल आपसे शायद आपके मन में भी आया होगा जिसको आपके सहमने रख रहा हूँ।

                    थोड़ा सा दिमाग पर जोर देना पड़ेगा कि जब हमारी धरती का अविष्कार हुआ तब जहाँ धरती पर कोई भी जीवों की उत्पति नहीं हुई थी , ऐसे हमारी साइंस ( Science ) भी कहती है। हम धर्म ग्रंथो को छोड़ साइंस ( Science ) के आधार पे बात करते हैं। सोचिये जब धरती बनी होगी तभ उसका वजन कितना होगा और जो तब से लगातार ब्रह्माण्ड में चक्र लगा रही है और जिसका दायरा उसकी गति और वजन सीमित करता है। जब आहिस्ते - आहिस्ते धरती पर जीवन संभव हुआ तो बाकी जीवों के इलावा जहाँ इंसान की उत्पति भी हुई। पर अब धरती पर बाकी जीवों के मुकाबले आज इंसान सबसे ज्यादा आबादी का जीव बन चुका है। मान लो जब धरती बनी तब उसका वजन कितना होगा और वातावरण आज की तुलना में कितना अच्छा होगा। क्या इतना बढ़ रहा वजन धरती को वही चक्र में घूमने में टिकाई रखने के लिए सही है और दूषित हो रहा वातावरण बाकी जीवों के लिए कितना खतरा बन रहा है ? जा फिर प्रदूषण के कारन धरती का वातावरण ख़तम होने की कगार पर है। 

                    क्या आपको लगता है की 2020 की यह बीमारी जिसको कई महामारी का नाम दे रहे हैं जिससे लोग भी डर रहें हैं वह कुदरती एक आफत है ? मीडिया तो इस महामारी का पूरा जिम्मेवार चीन को ठहरा रहा हैं जिनका कहना है यह वायरस उन्हों ने दुसरे देशों के ऊपर हमला करने के लिए बनाया है पर मुझे तो कभी कभी लगता है कि यह चीन और इसमें शामिल और देश होंगे जो यह बीमारी को फैलाने का मकसद धरती को बचाना है...? अगर ऐसा है तो क्या धरती खतरे में है जिसे वह बचाना चाहते हैं जा फिर सिर्फ इस महामारी का मकसद दूसरे देशों को आर्थिक और जानी नुकसान पहुँचाना है...? हमारे मन में यह सवाल उठते रहें गे।

                    इंसान जिसने अपने स्वार्थ को लेकर दूसरे जीवों को गुलाम बना के रखा है और जो वाजूमंडल को लगातार दूषित कर रहा है कि उस इंसान से अब यह कुदरत बदला ले रही है...?

धन्यवाद। 

By :- Er Pardeep Babloo 

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