सात दिनों बाद मौत - Sakhi Baba Pipal Dass Maharaj Ji - Sachkhand Ballan

                    बाबा पिप्पल दास जी की भविष्यवाणी के बचन बहुत सुने हैं । आप जी होने वाली बात पहले ही मुंह पर कह देते थे । यह साखी ब्यास  गांव की है । एक नौजवान लड़की अपने सिर पर भक्ता ( रोटियां ) उठाकर अपने खेतों को जा रही थी । बाबा जी गांव से गुजर रहे थे साथ में कुछ सत्संगी थे । बाबा पिप्पल दास जी उस लड़की की ओर इशारा कर कहने लगे कि जितना मर्जी मटक मटक कर चल ले तुमने सात दिनों बाद मर जाना है।

                    सत्संगी पूछने लगे कि  महाराज जी आप जी ने पहले ही क्यों बता दिया ? तो महाराज जी कहने लगे कि  हमने तो इसके मस्तक के लेख पढ़कर बताएं । कुछ सेवादार गांव वालों को कहने लगे के बाबा जी इस लड़की के  बारे में इस तरह कह रहे हैं कि इसने 7 दिनों के बाद मर जाना है।

                    जब सातवां दिन आया तो लड़की के पेट में दर्द हुई, मर गई। बाबा जी का बचन सच्चा हुआ। महाराज सरवन दास जी अपने पिता जी की इस तरह की भविष्यवाणी से नाराज हुआ करते थे कि आप जी इस तरह ना बताया करो लोग इस तरह अच्छा नहीं समझते । पर बाबा पिप्पल  दास महाराज जी सच्ची बात कहने में कोई गुरेज नहीं करते थे।

[ यह साखी बीबी अमरों गांव बल्ला ने सुनाई ]

में से :- वैराग्य साखी सागर - १

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