हिफाज़त (Protection by GOD)

                    सूफी संत राबिया अक्सर इबादत करते करते सो जाया करती थी। एक दिन इसी तरह राबिया सो गई, तभी एक चोर आया और राबिया की चादर लेकर भागने लगा लेकिन उसे बाहर जाने का रास्ता दिखाई नहीं दिया। तीन चार बार दीवार से टकराने के बाद चादर एक जगह रखकर इत्मिनान से सोचना शुरू किया। तभी उसे रास्ता दिखाई दिया लेकिन जैसे ही चादर लेकर मुड़ा, फिर से अँधेरा छा गया। इस तरह उसने कई वार कोशिश की किन्तु हर वार जैसे ही वह चादर लेकर भागता, आखो के आगे अँधेरा छा जाता। 

                    आखिर वो नहीं माना तब गूँज के साथ एक आवाज आई, क्यों आफत मोल ले रहा है, सलामती चाहता है तो हिफाजत से चादर रख दे। इस चादरवाली ने खुद को खुदा के हवाले कर रखा है, इसीलिए शैतान भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता तो किसी और की क्या मज़ाल जो इसका कुश बिगाड़ सके! यह सुनते ही वह चोर चादर को हिफाज़त से रखकर भाग गया।

                    जो लोग खुदा की इबादत में रहते है उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

Popular posts from this blog

जनेऊ संस्कार - Sakhi Shri Guru Nanak Dev Ji - Guru ki sakhiyan

आखरी सत्संग - Sakhi Baba Jaimal Singh Maharaj Ji

जन्म स्थान , जीवन साखी और परिवार ( Birth place , Life Story and Family ) Baba Pipal Dass Maharaj Sachkhand Ballan

सात दिनों बाद मौत - Sakhi Baba Pipal Dass Maharaj Ji - Sachkhand Ballan

अरदास (Pray)